Monday 29 July 2019

नदी यहाँ पर Q/A, नदियों का चित्र

पाठ में से
1.नदी चलते-चलते कैसे-कैसे आकर बदलती है?
नदी चलते-चलते कहीं सीधी और टेढ़ी होकर बहती है तो कहीं चौड़ी और पतली हो जाती है।
2.नदी का बहाव पर्वत पर कैसा होता है और नीचे आने पर कैसा हो जाता है?
नदी का बहाव पर्वत पर तेज़ होता है और नीचे आने पर धीमा हो जाता है।
3.नदी हमारे लिए क्या -कया करती है?
नदी हमारे लिए बहुत काम करती है। वह धरती को हरा-भरा बनाती है। हमें खेती के लिए पानी देती है जिससे फसल उगता है।
4.क) आखिर में वह पाती है
ख)बिलकुल ही खो जाती है
ग)सदा रहेगी जलती ही
5.क)मैदानी भाग में
ख)जब नदी ऊपर से नीचे की ओर आती है।

भाषा की बात
1. चाल -  नदी की चाल मैदानों में धीमी हो जाती है
चलती - वह धीरे-धीरे चलती है।
चलते-चलते - बच्चा चलते-चलते थक गया।
2.
3.वचन बदलो
क)मेैंने अपने खेतों में पानी दिया।
ख)बच्चा मैदान में खेल रहा है।
ग)नदियाँ सबको पानी देती हैं।
घ)सागर में लहर उठ रही थी।
ङ)मैंने दीपावली पर दीए खरीदे।
च)रीमा ने फूल उठाए।
7.कविता में आए दस क्रिया शब्द
चलती रहती है, बन जाती है, जलती रहेेगी, फैलाती है,बिखराती जाती,खो जाती है,बनाती है,देती है,मुड़ती है,जाती है,उठाती जाती है,

DAV    PUBLIC    SCHOOL  ,BBSR-21
WORKSHEET-   6  नदी यहाँ पर (2)
CLASS – V         H.HINDI
NAME-                                                                 SEC-                                                       ROLL NO-
विकल्पों में सही उत्तर पर निशान लगाइए।
1.आखिर में नदी किसको पाती है?
पहाड़        नदी         सागर        जंगल
2.नदी कहाँ छिपती है?
मैदानों         खेतों          गुफाओं               करारों
3.नदी कैसा खेल खेलती है?
दौड़         लुका-छिपि          लुका-छिपी          भाग-दौड़
4.नदी को किसके साथ तुलना किया गया है?
       सागर         दीए           जुगनू         जगर-मगर
5.सागर में मिल जाने के बाद नदी क्या बन जाती है?
नदी         सागर        बालू         पानी       
6.नदी की चाल कहाँ धीमी हो जाती है?
सागर        जंगल        पर्वत        मैदान
7. र का प्रयोग करो
नम - ------------
गहण - ------------
वषा - ------------
सिफ़ - ------------
Image result for भारत की नदियों के चित्र Image result for भारत की नदियों के चित्रसिंधु नदी

Image result for भारत की नदियों के चित्रब्रह्मपुत्र नदी

गोदवरी नदी भारत की सबसे ढेर चौड़ाई वाली नदी ।

Sutlej सतलूज नदीYamunaयमुना नदी

Narmada River नर्मदा नदी

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https://www.youtube.com/watch?v=eTp5nhOZKkEनदी कविता

Nadi ki Atmakatha Essay in Hindi

मैं नदी हूं आज मैं मेरी आत्मकथा सुनाने जा रही हूं मेरा उद्गम स्थान ऊंचे पहाड़ झरने और हिमालय से बर्फ पिघलने के कारण मैं अस्तित्व में आती हूं.
मैं जब हिमालय से चलती हूं तब मैं बहुत ही पतली और मुझ में पानी भी बहुत कम होता है लेकिन जैसे-जैसे में मैदानी क्षेत्रों की तरफ बढ़ती हुई मेरे पानी का स्तर बढ़ जाता है और मैं चोड़ी भी होती जाती हूं.

मैं नदी हूं आज मैं मेरी आत्मकथा सुनाने जा रही हूं मेरा उद्गम स्थान ऊंचे पहाड़ झरने और हिमालय से बर्फ पिघलने के कारण मैं अस्तित्व में आती हूं.
मैं जब हिमालय से चलती हूं तब मैं बहुत ही पतली और मुझ में पानी भी बहुत कम होता है लेकिन जैसे-जैसे में मैदानी क्षेत्रों की तरफ बढ़ती हुई मेरे पानी का स्तर बढ़ जाता है और मैं चोड़ी भी होती जाती हूं.
भारत में मेरे जैसी कई नदियां बहती हैं जैसे गंगा, यमुना,सिंधु, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी,नर्मदा आदि है यह मेरे जैसी ही विशाल है.
मैं जहां से भी निकलती हूं उस क्षेत्र को हरा-भरा बना देती हूं और वहां अगर बंजर भूमि भी है तो उसको भी उपजाऊ बना देती हूं.
मैं जब बहना शुरू करती हूं तब मेरे आगे कई कठिनाइयां आती हैं जैसे ऊंचे पहाड़ बड़े-बड़े पेड़-पौधे आदि लेकिन मैं उन सबको काटते हुए निरंतर बहती रहती हूं मैं कभी हार नहीं मानती हूं.
मैं कई सालों तक निरंतर अपने पथ पर बहती रहती हूं लेकिन कभी-कभी धरती में भूकंप आने के कारण कुछ स्थान ऊंचे हो जाते हैं तो मैं भी अपना रास्ता बदल लेती हैं लेकिन यह हजारों सालों में एक बार ही होता है.
मैं जहां से भी बैठी हूं उसके आसपास इंसानी बस्तियां और जंगली जीव जंतु अपना घर बना लेते हैं क्योंकि मेरे जैसे ही उनका जीवन चलता है.
मैं हमेशा सभी प्राणियों का भला करती हूं लेकिन बदले में मुझे इंसानों द्वारा सिर्फ प्रदूषण ही मिलता है इस बात का मुझे बहुत दुख होता है क्योंकि मेरा पवित्र और शुद्ध जल प्रदूषित हो जाता है जिसके कारण कई मूक प्राणियों की मृत्यु हो जाती है.
मुझमें कहीं जल अधिक होता है तो कहीं कम होता है वर्षा के मौसम में मुझ में अधिक पानी होता है और मैं उस समय बहुत तेजी से बहती हूं. मैं बहती हुई अंत में समुंदर में जा कर मिल जाती हूं.

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सागर और महासागर में अंतर -
सागर महासागरों से छोटे होते हैं. इसे ऐसे भी कहा जा सकता है कि महासागर, सागर का एक बड़ा रूप या सागर, महासागर का एक छोटा हिस्सा होते हैं. समुद्र या सागर असल में महासागर का वह हिस्सा होता है जो आंशिक रूप से जमीन से जुड़ा होता है. कई सागरों को खुद में समाने वाले महासागर, खारे पानी का एक बहुत बड़ा जल क्षेत्र होते हैं. वैसे तो धरती पर पांच अलग-अलग महासागर बताए जाते हैं. लेकिन ये सभी आपस में जुड़े हुए हैं और धरती का लगभग तीन चौथाई हिस्सा घेरे हुए हैं. इन्हीं की बदौलत धरती पर अलग-अलग मौसम और जीवन संभव हो पाता है.
इस तरह धरती का 71% हिस्सा घेरने वाले इन महासागरों में इस ग्रह पर मौजूद पानी का करीब 97% हिस्सा है. एक बार फिर से आकार पर लौटें तो सबसे बड़े महासागर, प्रशांत महासागर (पैसेफिक ओशन) का विस्तार करीब 6,41, 86,000 वर्ग मील तक फैला हुआ है जबकि सबसे बड़े सागर, भूमध्य सागर (मेडिटरेनियन सी) का क्षेत्रफल लगभग 11, 44,800 वर्ग मील है. आंकड़ों पर ही थोड़ा और गौर करें तो पता चलता है कि दुनिया का सबसे छोटा महासागर, आर्कटिक ओशन (54,27,000 वर्ग मील) भी सबसे बड़े सागर से करीब पांच गुना बड़ा है. लगे हाथ हिंद महासागर की भी बात करते चलें तो इसका विस्तार करीब 2,64,69,900 वर्ग मील तक है.
सागर और महासागर में एक बड़ा अंतर यह होता है कि महासागर, सागरों से कहीं ज्यादा गहरे होते हैं. सागर के तल की गहराई नापी जा सकती है जबकि महासागर की वास्तविक गहराई नाप पाना बहुत मुश्किल है. अब तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रशांत महासागर का सबसे गहरा क्षेत्र मारिआना ट्रेंच है जिसकी गहराई करीब 36,200 फीट मापी गई है, लेकिन वैज्ञानिक इसे प्रशांत महासागर की अधिकतम गहराई नहीं मानते. वहीं सबसे गहरे समुद्र, कैरेबियन सागर की गहराई करीब 22,788 फीट बताई जाती है. औसतन महासागरों की गहराई करीब 3,953 फीट से 15,215 फीट के बीच होती है.


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