अगर न नभ में बादल होते (भाषा अभ्यास)
1. ध्यानपूर्वक पढ़िए
कौन सिंधु से जल भर लाता?
उमड़-घुमड़, जग में बरसाता?
मोर न खुश हो शोर मचाते,
मेंढक कभी न तान सुनाते।
सूखी होती नदियाँ-नहरें,
होती कहीं न सुंदर लहरें।
नहीं घटाएँ फिर घहरातीं,
नहीं छटाएँ फिर छहरातीं।
नीचे लिखे शब्दों के समान लय वाले शब्द ऊपर लिखी पंक्तियों में से छाँटकर लिखिए.
(क) लाता - बरसाता
ख)मचाते- सुनाते
(ग) नहरें -लहरें।
(घ) घहरातीं -छहराती
2. नीचे लिखे शब्दों के समानार्थक शब्द कविता 'अगर न नभ में बादल होते' में से ढूंढकर लिखिए
(क) अश्रु- आँसू
(ख) संसार - दुनिया
(ग) नीर - जल
(घ) दामिनी - बिजली
(ङ) मेघ - बादल
(च) अम्बर - नभ
3. निम्न वाक्यों में फलों/सब्जियों के नाम ढूँढकर लिखिए और वाक्य का काल भी बताइए
फल/सब्जी काल
(क) वह अकेला गया था। ...... केला भूतकाल
(ख) अरे! सीता फल ला रही है। सीताफल वर्तमानकाल
(ग) न जाने मिली चीख क्यों रही है? लीची वर्तमानकाल
(घ) चिड़ियाघर में मरकट हल चलाएगा। कटहल भविष्यतकाल
(ङ) कुटिया में बैठा संत राम-राम बोल रहा होगा। संतरा भविष्यतकाल
(च) नीरज भैया हम सबसे बड़े हैं। सेब वर्तमानकाल
(छ) विष्णु! आप पीताम्बर में शोभित होते हैं। पपीता वर्तमानकाल
4. दिए गए शब्दों के विलोम शब्द चुनकर लिखिए
(क) विशेष - साधारण
(ख) सुविधा =असुविधा
(ग) शक्तिहीन = शक्तिशाली
(घ) जय - पराजय
5. नीचे दिए हुए शब्द-जोड़ों को पूरा कीजिए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए
(क) उछल -कूद (बच्चे कक्षा में उछल-कूद कर रहे हैं।)
(ख) लपक -झपक (बंदर लपक-झपक कर डाली को पकड़ लिया।
(ग) कूद -फाँद (हिरन कूद-फाँद कर जंगल की ओर भाग गया।
(घ) उलट- पलट (वह किताबों को उलट-पलट कर देखने लगा।
6. 'आर्मस्ट्राँग और एडविन आल्ड्रिन चाँद से पृथ्वी को देखकर खुशी से उछल पड़े।
'खुशी से उछल पड़ना' एक मुहावरा है जिसका अर्थ है - बहुत खुश होना।
'खुशी' से जुड़े कुछ मुहावरों से वाक्य बनाइए
(क) मन-ही-मन लड्डू फूटना - कक्षा में प्रथम आने की खबर सुनकर सुरेश के मन-ही -मन लड्डू फूटने लगा।
(ख) घी के दीए जलाना - पुत्र के विदेश से लौटने पर परिवार वालों ने घी के दिए जलाकर उनका स्वागत किया।
(ग) फूला न समाना = दिवाली के दिन बच्चे फूले नहीं समाते।
7. कविता 'अगर न नभ में बादल होते' में से उचित शब्दों को छाँटकर निम्न तालिका पूर्ण कीजिए
युग्म-शब्द - तप-खप,चिड़िया-तोते,नदियाँ-नहरें,खेती-बारी,
संज्ञा - सिंधु ,नभ बादल बिजली मोर मेंढक चिड़िया तोते
सर्वनाम - कौन हम सब
क्रिया - बरसाता खोते होते दिखाती सोते मचाते सनाते बोते घहरातीं छपहरातीं भिगोते आती रोते
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