पाठ में से....
1.हरित पौधों की देखभाल किस प्रकार की?
हरित पौधों को सही समय पर खाद-पानी दिया करता था। गरमी,सरदी और तेज़ धूप से उनकी रक्षा करता था
और शाम के वक्त पौधों के पास बैठकर गिटार भी बजाया करता था। इस प्रकार हरित पौधों की देखभाल
बहुत लगन से करता था।
और शाम के वक्त पौधों के पास बैठकर गिटार भी बजाया करता था। इस प्रकार हरित पौधों की देखभाल
बहुत लगन से करता था।
2. ताई ने हरित को पौधों के विषय में क्या जानकारी दी?
ताई ने हरित को पौधों के बारे में यह बताया कि भारतीय
वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु ने अपने प्रयोगों से यह सिद्ध कर दिया था कि पेड़-पौधों में भी मनुष्य कs
समान जीवन है। वह भी मनुष्य की तरह स्पर्श इत्यादि का अनुभव करते हैं और
उनमें भी सुनने की शक्ति होती है।
3.हरित क्यों उदास दिखाई दे रहा था?
समान जीवन है। वह भी मनुष्य की तरह स्पर्श इत्यादि का अनुभव करते हैं और
उनमें भी सुनने की शक्ति होती है।
3.हरित क्यों उदास दिखाई दे रहा था?
हरित उदास दिखाई दे रहा था क्योंकि उसका प्रिय पौधा जिसे
वह पुष्प प्रदर्शनी में प्रदर्शित करने वाला था, प्रदर्शनी से एक दिन पहले ही चोरी हो गया था।
4.ताई ने हरित को क्या समझाया?
ताई ने हरित को समझाया कि जिसने भी पौधा चुराया है वह उसे पुष्प प्रदर्शनी में ज़रूर लेकर आएगा हम उसे
वहाँ पकड़ लेंगे।
वहाँ पकड़ लेंगे।
5.वाक्य पूरे करो-
क. पेड़-पौधों
ख. नृत्य
ग. स्पर्श
घ. पुरस्कार
शब्दार्थ:
अधिकांश-अधिकतर,
अनुपस्थिति- गैरहाज़िरी,
पीठ थपथपाना-शाबासी देना,
दृष्टि-नजर,
वैज्ञानिक-विज्ञान के क्षेत्र में काम करने वाला,
स्पर्श-छूना,
पुरस्कार-ईनाम,
विश्वास-भरोसा,
आयोजक-प्रबंध करने वाला,
सर्वश्रेष्ठ-सबसे अच्छा।
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
I. धीरे-धीरे हरित की रुचि भी पेड़-पौधों में बढ़ने लगी। वह बगीचे के कार्यों में अपनी ताई का हाथ बँटाने लगा।
एक बार हरित की ताई को किसी आवश्यक कार्य से शहर से बाहर जाना पड़ा। उनकी अनुपस्थिति में हरित ने पेड़-पौधों
की देखभाल बहुत लगन से की। ताई ने वापस आकर जब अपना बगीचा देखा तो बहुत प्रसन्न हुई।उन्होंने उसकी पीठ
थपथपाई।
1 हरित की रुचि किस चीज़ में बढ़ने लगी?
उत्तर-- हरित की रुचि पेड़-पौधों में बढ़ने लगी।
2. वह ताई को किस काम में हाथ बँटाने लगा?
उत्तर- वह ताई जी को पेड़-पौधों के कार्यों में हाथ बँटाने लगा।
3. हरित की ताई को कहाँ जाना पड़ा?
उत्तर- हरित की ताई को किसी आवश्यक कार्य के लिए शहर से बाहर जाना पड़ा।
4. ताई ने वापस आकर क्या देखा?
उत्तर- ताई ने वापस आकर अपने लहलहाते पेड़-पौधों को देखा।
5. हरित की पीठ किसने थपथपाई?
उत्तर- हरित की ताई जी ने उसकी पीठ थपथपाई।
II. हरित गिटार भी बजाता था। जब वह गिटार
बजाता तो पूरी तरह डूब जाता। कभी-कभी वह पेड़-पौधों के बीच गिटार बजाता। उसे लगता गिटार की धुन पर
अनेक पेड़-पौधे नाचते हैं। वह गिटार बजाते हुए पेड़-पौधों की क्रियाओं पर दृष्टि रखने लगा। उसे लगता कि
एक पौधा उसके गिटार की धुन पर विशेष आकर्षित है। जब वह गिटार बंद करता तो उसे लगता जैसे वह पौधा उदास
हो गया हो।
1. हरित क्या बजाता था?
उत्तर- हरित गिटार बजाता था।
2. गिटार बजाते समय हरित को क्या लगता था?
उत्तर- गिटार बजाते समय हरित को लगता था कि गिटार की धुन पर पौधे नाच रहे हैं।
3. पेड़-पौधे क्यों उदास हो जाते थे?
उत्तर- जब गिटार बजना बंद हो जाता तो पेड़-पौधे उदास हो जाते थे।
उत्तर- जब गिटार बजना बंद हो जाता तो पेड़-पौधे उदास हो जाते थे।
4. पेड़ का दो पर्यायवाची शब्द लिखें।
उत्तर- वृक्ष, तरु।
5. 'अनेक' का विलोम शब्द क्या होगा?
उत्तर- 'अनेक' का विलोम 'एक' होगा।
III. ताई ने बताया- भारतीय वैज्ञानिक जगदीश बसु ने अपने प्रयोगों द्वारा सिद्ध करके सबसे पहले बताया था कि पेड़-पौधों
में भी मनष्यों के समान ही जीवन है। वह भी मनुष्यों की भाँति स्पर्श इत्यादि का अनुभव करते हैं। उनमें भी सुनने की शक्ति
होती है।" यह जानकारी मिलने के बाद हरित अक्सर पौधों के पास खड़ा होकर गिटार बजाने लगा। वह पौधा महीनों के
स्थान पर दिनों में तेजी से बढ़ने लगा। उसकी पत्तियाँ आकर्षक, बड़ी-बड़ी और स्वस्थ थीं। हरित के शहर में प्रति वर्ष
फरवरी माह में 'पुष्प प्रदर्शनी' होती थी। हरित ने उसमें भाग लेने का निर्णय किया।
1. जगदीश चंद्र बसु कौन थे?
उत्तर- जगदीश चंद्र बसु एक महान् भारतीय वैज्ञानिक थे।
2. जगदीश चंद्र बसु ने पेड़-पौधों के बारे में क्या बताया?
उत्तर- जगदीश चंद्र बसु ने बताया कि पेड़-पौधों में भी मनुष्यों के समान ही जीवन होते हैं। वे भी सुख-दुख का अनुभव
करते हैं।
3. हरित के शहर में प्रति वर्ष क्या होती थी?
उत्तर- हरित के शहर में प्रति वर्ष 'पुष्प प्रदर्शनी' होता थी।
4. इस प्रदर्शनी का आयोजन कब होता था?
उत्तर- इस प्रदर्शनी का आयोजन प्रति वर्ष फरवरी माह में होता था।
5. हरित ने क्या निर्णय लिया?
उत्तर- हरित ने पुष्प-प्रदर्शनी में जाने का निर्णय लिया
धन्यवाद सर
ReplyDeleteमैं सात्विक समर्पण
रोल नंबर:- ३६
कक्षा पांचवी का छात्र
5-E