निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर उत्तर लिखो।
खड़ा हिमालय बता रहा है,
डरो न आँधी-पानी में ।
खड़े रहो तुम अविचल होकर,
सब संकट तूफानों में।
डिगो न अपने प्रण से तो तुम,
सब कुछ पा सकते प्यारे ।
तुम भी ऊँचे उठ सकते हो,
छू सकते नभ के तारे।
अचल रहा जो अपने पथ पर,
लाख मुसीबत आने में।
मिली सफलता जग में उसको
जीने में, मर जाने में।
1.हिमालय हमें क्या बता रहा है?
2.संकट के समय हमें कैसे रहना चाहिए?
3.हम कैसे सब कुछ पा सकते हैं?
4.मुसीबत आने पर हमें क्या करना चाहिए?
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